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India-Maldives MoUs 2025: Strategic Partnerships Signed, ₹4,850 Cr LoC Extended by India | SarkaryNaukary Update

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भारत–मालदीव समझौता 2025 – भारत ने मल्टी-सेक्टर सहयोग के लिए 6 MoU पर किए हस्ताक्षर

25 जुलाई 2025 को, भारत सरकार और मालदीव सरकार के बीच रणनीतिक sektors में साझेदारी को मजबूत करने के लिए कुल छह समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए गए। इन समझौता ज्ञापनों की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़ू की द्विपक्षीय वार्ता के बाद की गई। यह समझौते मत्स्य पालन, मौसम विज्ञान, डिजिटल अवसंरचना, स्वास्थ्य, भुगतान प्रणालियों और वित्तीय सहायता जैसे क्षेत्रों को जोड़ते हैं।

इस पहल का उद्देश्य दोनों देशों के सामाजिक-आर्थिक विकास में सहयोग को बढ़ावा देना, डिजिटल शासन को मजबूत करना और रणनीतिक साझेदारी को और विस्तार देना है। साथ ही, भारत ने 4,850 करोड़ रुपये की लाइन ऑफ क्रेडिट (LoC) भी घोषित की है जो खास बात यह है कि भारतीय रुपये में कारोबार के रूप में यह पहली लोन सुविधा होगी।

सभी MoU केंद्रीय मंत्री व विदेश मंत्रालय (MEA), भारत सरकार के प्रतिनिधि डॉ. एस जयशंकर और मालदीव सरकार की ओर से वित्त और योजना मंत्री मूसा ज़मीर द्वारा हस्ताक्षरित किए गए।

कार्यक्रम की मुख्य जानकारी

कार्यक्रम का नाम भारत–मालदीव रणनीतिक सहयोग 2025
प्रमुख उद्देश्य बहु-क्षेत्रीय सहयोग, डिजिटल अवसंरचना, मौसम विज्ञान, मत्स्य पालन, स्वास्थ्य और भुगतान प्रणाली में साझेदारी
देश/संगठन भारत – विदेश मंत्रालय (MEA), भारत सरकार
MoU की संख्या 06
शुरुआत तिथि 25 जुलाई 2025
समाप्ति तिथि 26 जुलाई 2025
प्रादेशिक साझेदार भारत और मालदीव
आधिकारिक वेबसाइट https://mea.gov.in

मुख्य समझौता ज्ञापन और सहयोग क्षेत्र

1. मत्स्य पालन और जलीय कृषि सहयोग

भारत के मत्स्य पालन विभाग और मालदीव के महासागर संसाधन मंत्रालय के बीच हुआ यह समझौता, सतत ट्यूना और गहरे समुद्र में मछली पालन को बढ़ावा देता है। इसके अंतर्गत समुद्री कृषि, मूल्य श्रृंखला विकास, प्रशिक्षण और ज्ञान साझाकरण आदि शामिल हैं।

2. मौसम विज्ञान सहयोग

भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान और मालदीव मौसम विज्ञान सेवा के बीच यह MoU आधुनिक मौसमी चेतावनी प्रणाली, मौसम मॉडलिंग और प्रशिक्षण में सहयोग करेगा।

3. डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर

भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और मालदीव के होमलैंड सिक्योरिटी एंड टेक्नोलॉजी मंत्रालय के बीच समझौता, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के तहत सफल भारतीय समाधानों को मालदीव में अपनाने के लिए हुआ है।

4. हेल्थकेयर – भारतीय फार्माकोपिया को मान्यता

मालदीव सरकार ने औपचारिक रूप से भारतीय फार्माकोपिया (IP) को मान्यता दी है जिससे दवाओं की मंजूरी प्रक्रिया सरल होगी और भारतीय चिकित्सा उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।

5. UPI आधारित भुगतान प्रणाली

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की सहायक संस्था NIPL एवं मालदीव मनी अथॉरिटी (MMA) के बीच UPI एकीकरण पर समझौता हुआ। इसका उद्देश्य मालदीव में भारतीय डिजिटल भुगतान प्रणाली को लागू करना है।

4,850 करोड़ रुपये की नई वित्तीय सहायता

भारत ने मालदीव को ₹4,850 करोड़ का नया क्रेडिट लाइन दिया है, जो कि भारतीय रुपये में पहली बार पेश किया गया। इसका उद्देश्य मालदीव के बुनियादी ढांचे और विकास परियोजनाओं को प्रोत्साहन देना है।

इसके अतिरिक्त, एक ऋण राहत समझौते के तहत MALDIVES द्वारा किया जाने वाला वार्षिक पुनर्भुगतान भार $51 मिलियन से घटाकर $29 मिलियन कर दिया गया है।

भविष्य की पहल – Free Trade Agreement (FTA)

भारत और मालदीव ने द्विपक्षीय व्यापार और निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक संभावित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर वार्ता शुरू करने की घोषणा की है।

मालदीव के बारे में कुछ संक्षिप्त जानकारी

  • राष्ट्रपति: मोहम्मद मुइज़ू
  • राजधानी: माले (प्रसिद्ध रूप से पुरुष)
  • मुद्रा: मालदीव रूफिया (MVR)

निष्कर्ष

भारत और मालदीव के बीच हुए ये समझौता ज्ञापन दोनों देशों के रणनीतिक, आर्थिक और सहयोगात्मक रिश्तों को एक नई दिशा देंगे। भारत द्वारा दी गई वित्तीय सहायता और तकनीकी सहयोग से मालदीव के आधारभूत ढांचे, डिजिटल व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवाओं और मत्स्य उद्योग को अभूतपूर्व लाभ मिलेगा।

इन पहल‌ों का उद्देश्य सिर्फ तत्काल लक्ष्यों की प्राप्ति नहीं, बल्कि भारत के पड़ोसी देशों के साथ लंबे समय तक संतुलित और साझा विकास का आदान-प्रदान करना भी है।

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